*RTI पर जानकारी देने में गंभीर विलंब: पुलिस में प्रक्रियागत लापरवाही उजागर, एसडीओपी स्पष्टीकरण तलब...*




रायगढ़। जिले में सूचना के अधिकार के तहत दायर एक आवेदन को समयसीमा में निपटाने में हुई गंभीर देरी ने रायगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। जन सूचना अधिकारी उप पुलिस अधीक्षक, रायगढ़ ने इस संबंध में एसडीओपी धरमजयगढ़ को औपचारिक रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है।



*रिपोर्ट समय पर तैयार, लेकिन अग्रेषित नहीं हुई :* आवेदक श्री ऋषिकेश मिश्रा द्वारा 12 सितंबर 2025 को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दायर आरटीआई आवेदन की जांच शिकायत शाखा द्वारा की गई और 23 सितंबर को रिपोर्ट तैयार कर ली गई थी।

नियमों के अनुसार यह रिपोर्ट समयसीमा में जन सूचना अधिकारी के पास भेजी जानी चाहिए थी, किंतु यह प्रक्रिया एसडीओपी स्तर पर ही लंबित रह गई और आवेदक को किसी भी प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकी।

जन सूचना अधिकारी की स्पष्ट टिप्पणी

*डिप्टी एसपी–जन सूचना अधिकारी ने अपने पत्र में अत्यंत स्पष्ट और सुसंगत शब्दों में उल्लेख किया है कि :*

* प्रथम अपीलीय अधिकारी होने के बावजूद समयबद्ध कार्रवाई नहीं की गई,

* निर्धारित 30 दिनों की अनिवार्य अवधि में सूचना उपलब्ध न कराना अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है,

* यह देरी आवेदक के अधिकारों के प्रतिकूल है और विभागीय उत्तरदायित्व को प्रभावित करती है,

यह टिप्पणियाँ संकेत करती हैं कि विभाग स्तर पर इस मामले को गंभीरता से लिया गया है।

स्पष्टीकरण और सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश

*एसडीओपी धरमजयगढ़ को निर्देशित किया गया है कि :*

* लंबित सूचना तुरंत आवेदक को उपलब्ध कराएँ,

* देरी के कारणों का लिखित स्पष्टीकरण जन सूचना अधिकारी को प्रस्तुत करें,

* यदि किसी कारणवश सूचना उपलब्ध कराना संभव न हो, तो अधिनियम के अनुरूप उसका स्पष्ट उल्लेख करें।

* अन्यथा, सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 5(4) के तहत कार्रवाई भी संभव है।

*पारदर्शिता व उत्तरदायित्व पर प्रश्नचिह्न :* यह प्रकरण यह दर्शाता है कि पुलिस विभाग में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता अभी भी प्रबल है।

जहाँ एक ओर शिकायत शाखा ने अपने दायित्व समय पर निभाए, वहीं दूसरी ओर रिपोर्ट का लंबित रह जाना विभागीय कार्यप्रणाली में समन्वय की कमी का संकेत देता है।

यह मामला न केवल एक आरटीआई आवेदन की देरी का विषय है, बल्कि यह प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता के मानकों की परीक्षा भी है। वरिष्ठ स्तर से भेजा गया यह नोटिस बताता है कि अब किसी भी स्तर पर अनावश्यक विलंब को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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