बलरामपुर। जिले के रामचंद्रपुर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत चेरवाड़ी में बन रही 61 लाख रुपए की पीसीसी सड़क अब भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण का प्रतीक बन गई है। एक किलोमीटर लंबी इस सड़क में जिस तरह से घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, उससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि ठेकेदार और विभागीय इंजीनियर की मिलीभगत से सरकारी धन की खुली लूट हो रही है।
यह सड़क चेरवाड़ी जगशाला से होकर आसपास की बस्तियों को मुख्य सड़क से जोड़ती है, लेकिन निर्माण स्थल पर ना तो सूचना बोर्ड लगाया गया है, ना ही किसी मानक का पालन हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि कंक्रीट में सीमेंट की मात्रा बेहद कम रखी गई है, जबकि गिट्टी और रेत का अनुपात अधिक है, जिससे सड़क की मजबूती संदिग्ध हो गई है।
वाइब्रेशन मशीन का उपयोग नहीं किया जा रहा, जिससे कंक्रीट सही तरह से नहीं बैठ पा रहा। ऊपर से तराई और जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण यह सड़क शुरू से ही कमजोर और असंतुलित ढलाई का शिकार हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा काम “कागजों में पक्का, ज़मीन पर खोखला” साबित हो रहा है।
गांव के लोगों ने खुलकर आरोप लगाया -
> “यह सड़क बन नहीं रही, बर्बादी का स्मारक खड़ा किया जा रहा है। घटिया सामग्री डालकर ठेकेदार ने लाखों रुपए डकार लिए हैं।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से तकनीकी जांच और गुणवत्ता परीक्षण की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जनआंदोलन शुरू करेंगे।
स्थानीय लोगों का सवाल है -
> “जब हर काम में निगरानी दल और इंजीनियर तैनात हैं, फिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे?”
ग्रामीणों का कहना है कि विकास के नाम पर हो रहे इस खेल ने लोगों के बीच सरकारी कार्यों की विश्वसनीयता पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है।
