रायगढ़/नवा रायपुर। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी पर जवाब न देने और अपील प्रक्रिया की घोर अनदेखी के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत तमनार जनपद पंचायत तमनार के जनसूचना अधिकारी पर गंभीर टिप्पणी की है। आयोग ने संबंधित अधिकारी को 23 दिसंबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है।
*मामले की पृष्ठभूमि :* सूचना अधिकार कार्यकर्ता कार्तिक राम पोर्ते ने ग्राम पंचायत तमन्नार, जनपद पंचायत तमन्नार, जिला रायगढ़ से सूचना मांगी थी। लेकिन जनसूचना अधिकारी ने न तो समयसीमा में जानकारी दी और न ही प्रथम अपील अधिकारी द्वारा पारित आदेश का पालन किया।
अब आयोग ने द्वितीय अपील की सुनवाई के लिए तिथि 23.12.2025 तय करते हुए जनसूचना अधिकारी को सख्त चेतावनी दी है कि यदि वे सुनवाई में उपस्थित नहीं होते या कारण स्पष्ट नहीं करते, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
*आयोग का कड़ा रुख :* आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि -
> “तत्कालीन /वर्तमान जनसूचना अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत द्वितीय अपील के संबंध में आयोग के समक्ष उपस्थित होकर कारण बताएं कि क्यों न उनके विरुद्ध धारा 20(1) एवं 20(2) के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाए।”
साथ ही आयोग ने कहा कि अधिकारी चाहे तो अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित हो सकते हैं, परंतु अनुपस्थिति की स्थिति में एकतरफा कार्रवाई (ex parte order) पारित की जाएगी।
*‘सूचना अधिकार’ का अपमान बनती सरकारी चुप्पी...* सूचना का अधिकार (RTI) कानून आम नागरिकों को शासन की पारदर्शिता का अधिकार देता है, लेकिन रायगढ़ जैसे जिलों में अफसरों की उदासीनता इस कानून की आत्मा को ही कमजोर कर रही है। यह मामला यह साबित करता है कि ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना देने से लेकर अपील तक की प्रक्रिया को अधिकारी जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं।
*सूचना आयोग की सख्ती बनी नजीर :* सूचना आयोग का यह आदेश न केवल तमन्नार जनपद पंचायत के लिए, बल्कि संपूर्ण रायगढ़ जिले के प्रशासनिक तंत्र के लिए चेतावनी है। यदि अधिकारी समय पर जवाब नहीं देंगे तो व्यक्तिगत जुर्माना और विभागीय कार्रवाई से बचना कठिन होगा।
*सुनवाई की तिथि और स्थान :*
> तिथि: 23 दिसंबर 2025स्थान: एनआईसी सूचना विज्ञान केंद्र, जिला मुख्यालय रायगढ़ (छत्तीसगढ़)उपस्थित होने का निर्देश: संबंधित जनसूचना अधिकारी एवं अपीलार्थी कार्तिक राम पोर्ते
*संभावित कार्रवाई :*
यदि अधिकारी ने आयोग के आदेशों की अवहेलना की तो RTI अधिनियम की धारा 20 के तहत ₹25,000 तक जुर्माना और विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
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